एक चिंगारी ही काफी है शहर को जलाने के लिए
एक चिंगारी ही काफी है शहर को जलाने के लिए
इतना ना दबाओ किसी को आजमाने के लिए…..,
क्या जरूरत है जिंदगी में हजारों रिश्तो की..
एक शख्स है काफी निभाने के लिए……..।
✍️ कवि दीपक सरल
एक चिंगारी ही काफी है शहर को जलाने के लिए
इतना ना दबाओ किसी को आजमाने के लिए…..,
क्या जरूरत है जिंदगी में हजारों रिश्तो की..
एक शख्स है काफी निभाने के लिए……..।
✍️ कवि दीपक सरल