एक गुज़ारिश
ज़िंदगी में
थोड़ा भी
आराम नहीं है,
साहब!
दे सकें तो
दीजिए
मुझे काम नहीं है,
साहब!
खींच लेते हैं
ठेला और
चला लेते हैं
रिक्शा!
लेकिन इसमें
मजदूर का
सम्मान नहीं है,
साहब!
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#बेरोजगारी #मजदूर
#जनवादीगीत