एक गिलहरी देखा मैने
रेत के टीले में लोट लगाकर
सागर जल में खुद को धोती थी
ऐसा वो क्यों बार-बार करती थी
देख इसे मन ही मन सोचा मैने
एक गिलहरी देखा मैने
तब निश्चय किया कि इसे
क्या पीड़ा है , पूछ तो लू
इसकी हृदय वेदना सून तो लू
कर निश्चय फिर पूछा मैने
एक गिलहरी देखा मैने
गिलहरी ने कहा प्रभु श्री राम से
आप लंका चले है धर्मरक्षा के काम से
मौन रहकर यू ही मै शांत नही बैठुंगी
सहयोग करुंगी,सागर में रेत भरने सोचा मैने
एक गिलहरी देखा मैने