Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Sep 2024 · 1 min read

एक ग़ज़ल

क्या ये अंधेरों की परवरिश है
जो चाँद इतना चमक रहा है

कोई तो रिश्ता है रोशनी से
अंधेरा सदियों से संग खड़ा है

जो एक दिन छू लिया था तुमने
वो पतझड़ों में शज़र हरा है

हम अपनी धड़कन से थक गये
है सांसें छोटी या दिन बड़ा है

उदासियां क्यूँ हैं हर ख़ुशी संग
दिल लम्हे लम्हे से लड़ रहा है

सुना है मैदाने ज़िन्दगी में
कभी ख़ुशी का शहर रहा है

दिया था चुपके से मुठ्ठियों में
मेरा भरोसा कहाँ गिरा है

बड़ा है तन में, अड़ा है मन में
ये दर्द थोड़ा सा सरफिरा है

तुम्हारी यादों का एक जुगनू
है साथ लेकिन बुझा बुझा है

मगर प्रभू साथ चल रहे है
ये आसमानो का फैसला है

अगर में बिखरी हर एक ज़र्रा
स्नेह के रंग से ही भरा है
– क्षमा उर्मिला
#thebittispinkflower

Language: Hindi
68 Views
Books from Kshma Urmila
View all

You may also like these posts

I love you Shiv
I love you Shiv
Arghyadeep Chakraborty
ज़िन्दगी वो युद्ध है,
ज़िन्दगी वो युद्ध है,
Saransh Singh 'Priyam'
🔱🔱जय जय मां भवानी - जय मां शैलपुत्री- हैप्पी नवरात्रि।🔱🔱
🔱🔱जय जय मां भवानी - जय मां शैलपुत्री- हैप्पी नवरात्रि।🔱🔱
Rj Anand Prajapati
कविता
कविता
Rambali Mishra
स्वागत बा श्री मान
स्वागत बा श्री मान
आकाश महेशपुरी
फटा ब्लाउज ....लघु कथा
फटा ब्लाउज ....लघु कथा
sushil sarna
समंदर
समंदर
सिद्धार्थ गोरखपुरी
इश्क़ में कैसी हार जीत
इश्क़ में कैसी हार जीत
स्वतंत्र ललिता मन्नू
जीने को बस यादें हैं।
जीने को बस यादें हैं।
Taj Mohammad
🙏गजानन चले आओ🙏
🙏गजानन चले आओ🙏
SPK Sachin Lodhi
प्रिये..!!
प्रिये..!!
पंकज परिंदा
ST666 - Nhà Cái Hàng Đầu, Nạp Rút Nhanh Chóng, Giao Dịch Bảo
ST666 - Nhà Cái Hàng Đầu, Nạp Rút Nhanh Chóng, Giao Dịch Bảo
ST666
अनजान दीवार
अनजान दीवार
Mahender Singh
साधना
साधना
Vandna Thakur
हम कुछ इस तरह समाए हैं उसकी पहली नज़र में,
हम कुछ इस तरह समाए हैं उसकी पहली नज़र में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
. मत देना पंख
. मत देना पंख
Shweta Soni
किससे यहाँ हम दिल यह लगाये
किससे यहाँ हम दिल यह लगाये
gurudeenverma198
"गम की शाम"
Dr. Kishan tandon kranti
तेवरी-आन्दोलन युगानुरूप + शिव योगी
तेवरी-आन्दोलन युगानुरूप + शिव योगी
कवि रमेशराज
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
Phool gufran
*पहले-पहल पिलाई मदिरा, हॅंसी-खेल में पीता है (हिंदी गजल)*
*पहले-पहल पिलाई मदिरा, हॅंसी-खेल में पीता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
..
..
*प्रणय*
घना शोर था
घना शोर था
Seema gupta,Alwar
- अगर ना होता पेट तो ना होती किसी से भी भेट -
- अगर ना होता पेट तो ना होती किसी से भी भेट -
bharat gehlot
नहीं-नहीं प्रिये!
नहीं-नहीं प्रिये!
Pratibha Pandey
भूल कर
भूल कर
Dr fauzia Naseem shad
दर्पण दिखाना नहीं है
दर्पण दिखाना नहीं है
surenderpal vaidya
समेट लिया है  मैं ने ,अपने अल्फाजों में खुद को ,
समेट लिया है मैं ने ,अपने अल्फाजों में खुद को ,
Neelofar Khan
2616.पूर्णिका
2616.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।
Abhishek Soni
Loading...