Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Dec 2024 · 1 min read

एक ग़ज़ल :-रूबरू खुद से हो जाए

रूबरू खुद से हो जाए ,सबके नहीं है नसीब में
उम्र का जारी सफ़र, पर मंजिल नहीं नसीब में..
गर्दिशों ने दी है दस्तक तो सुकून कहाँ नसीब में
मुद्दत हुई मुस्कुराहटों को,गम ही मिला नसीब में..

अब संभाले क्या थमेगी जो आंधियां है नसीब में
ये जिंदगी भी अजीब हैं, खिंचती लकीरें नसीब में..
चुभ जाती है अनकही बातें भी महफिल में कभी
जैसे फूल चुभता है यदि, जख्म ताजा है नसीब में..

आरजू दिल की भी सुनिए, हो फ़रिश्ता नसीब में
इश़्क बन जाए इबादत,चाहत हो ऐसी नसीब में..
जुस्तजू करते रहे हम, वो ख़ूब-तर कहाँ नसीब में
अब ठहरती है देखिए जाकर नज़र कहाँ नसीब में..

फासले दरमियाँ दिलों के, तो दूरियाँ ही नसीब में
इत्तफाक से मिले थे कभी,वो था ही नहीं नसीब में..
बस आइना है रूबरू मन , झाँक ले तू उसमें खुदा
देख पाते हम उन्हें भी,पर वो चश्म नहीं है नसीब में..

मौलिक और स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – १५/१२/२०२४ ,
मार्गशीर्ष,शुक्ल पक्ष,पूर्णिमा ,रविवार
विक्रम संवत २०८१
मोबाइल न. – 8757227201
ईमेल पता :- mk65ktr@gmail.com

1 Like · 64 Views
Books from मनोज कर्ण
View all

You may also like these posts

गुस्सा सातवें आसमान पर था
गुस्सा सातवें आसमान पर था
सिद्धार्थ गोरखपुरी
पंक्तियाँ
पंक्तियाँ
प्रभाकर मिश्र
कृतघ्न अयोध्यावासी !
कृतघ्न अयोध्यावासी !
ओनिका सेतिया 'अनु '
मसान.....
मसान.....
Manisha Manjari
​दग़ा भी उसने
​दग़ा भी उसने
Atul "Krishn"
आत्म मंथन
आत्म मंथन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
" अदा "
Dr. Kishan tandon kranti
#तू वचन तो कर
#तू वचन तो कर
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मेरी हास्य कविताएं अरविंद भारद्वाज
मेरी हास्य कविताएं अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
4476.*पूर्णिका*
4476.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*यातायात के नियम*
*यातायात के नियम*
Dushyant Kumar
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
Phool gufran
ग़म हमें सब भुलाने पड़े।
ग़म हमें सब भुलाने पड़े।
पंकज परिंदा
गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा
Dr.Priya Soni Khare
त्वमेव जयते
त्वमेव जयते
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ऑंधियों का दौर
ऑंधियों का दौर
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
नव्य द्वीप का रहने वाला
नव्य द्वीप का रहने वाला
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
हाँ ये सच है
हाँ ये सच है
Saraswati Bajpai
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कोई विरला ही बुद्ध बनता है
कोई विरला ही बुद्ध बनता है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
भविष्य के सपने (लघुकथा)
भविष्य के सपने (लघुकथा)
Indu Singh
कटु दोहे
कटु दोहे
Suryakant Dwivedi
"Know Your Worth"
पूर्वार्थ
श्रम करो! रुकना नहीं है।
श्रम करो! रुकना नहीं है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
बेशक मां बाप हर ख़्वाहिश करते हैं
बेशक मां बाप हर ख़्वाहिश करते हैं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
इशरत हिदायत ख़ान
बाप ने शादी मे अपनी जान से प्यारा बेटी दे दी लोग ट्रक में झा
बाप ने शादी मे अपनी जान से प्यारा बेटी दे दी लोग ट्रक में झा
Ranjeet kumar patre
प्रीति
प्रीति
Rambali Mishra
*आओ हम वृक्ष लगाए*
*आओ हम वृक्ष लगाए*
Shashi kala vyas
महिला दिवस
महिला दिवस
ललकार भारद्वाज
Loading...