Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2024 · 1 min read

*एक ग़ज़ल* :- ख़्वाब, फ़ुर्सत और इश़्क

एक ग़ज़ल :-
ख़्वाब, फ़ुर्सत और इश़्क

मैंने देखा नहीं है ख़्वाबों को,
कभी हँसते हुए,
मैंने देखा है ख़्वाबों को,
ख़्वाब से ही मरते हुए,
तन्हाई में होता है जो,
साथ मिलने का ख़्वाब,
वो ख़्वाब तड़पता है फिर,
बिछड़ जाने के लिए।

मैंने देखा नहीं है..

मैंने देखा नहीं फ़ुर्सत को कभी,
सुकून से जीते हुए,
मैंने देखा है फ़ुर्सत को तो,
फ़ुर्सत से ही उलझते हुए,
दिल ये कहता है फ़ुर्सत के दो पल,
मिल जाए तो अच्छा,
फ़ुर्सत कहता है,चुपचाप चले जाओ,
मशरूफ़ होने के लिए

मैंने देखा नहीं है..

मैंने देखा नहीं है इश्क को,
कभी मचलते हुए,
मैंने देखा है इश्क को तो,
इश्क से ही दहलते हुए,
इश्क होता नहीं इस जहां में,
इतनी भी हसीं,
इश्क कहता है कि तनफ्फुर है,
अब साथ रहते हुए।

मैंने देखा नहीं है…

Disclaimer :- ये ग़जल आम आदमी के
जिंदगी से अलग हटकर आधुनिक
जीवन शैली एवं
बालीवुड की जीवनशैली के मद्देनजर
लिखी गई रचना है।
इस अर्थ में देखेंगे तो यथार्थ में दिखेगा।

मौलिक एवम स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – २९/०९/२०२४ ,
आश्विन कृष्ण पक्ष,द्वादशी,रविवार
विक्रम संवत २०८१
मोबाइल न. – 8757227201
ई-मेल – mk65ktr@gmail.com

2 Likes · 84 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनोज कर्ण
View all
You may also like:
वक्त अब कलुआ के घर का ठौर है
वक्त अब कलुआ के घर का ठौर है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
आप सच बताइयेगा
आप सच बताइयेगा
शेखर सिंह
शांति वन से बापू बोले, होकर आहत हे राम रे
शांति वन से बापू बोले, होकर आहत हे राम रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*फल कभी-कभी मिलता तुरंत, तो कभी समय लग जाता है (राधेश्यामी छ
*फल कभी-कभी मिलता तुरंत, तो कभी समय लग जाता है (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
तुम्हारी मुस्कराहट
तुम्हारी मुस्कराहट
हिमांशु Kulshrestha
एक नज़्म _ माँ मुझमे बसी मेरी ,दिल माँ की दुआ है ,,
एक नज़्म _ माँ मुझमे बसी मेरी ,दिल माँ की दुआ है ,,
Neelofar Khan
मेरी मायूस सी
मेरी मायूस सी
Dr fauzia Naseem shad
गिद्ध करते हैं सिद्ध
गिद्ध करते हैं सिद्ध
Anil Kumar Mishra
सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें
सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नारी तेरे रूप अनेक
नारी तेरे रूप अनेक
विजय कुमार अग्रवाल
सबने हाथ भी छोड़ दिया
सबने हाथ भी छोड़ दिया
Shweta Soni
नजर और नजरिया
नजर और नजरिया
Dr. Kishan tandon kranti
खोदकर इक शहर देखो लाश जंगल की मिलेगी
खोदकर इक शहर देखो लाश जंगल की मिलेगी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
ये कैसी दीवाली
ये कैसी दीवाली
Satish Srijan
मां के किसी कोने में आज भी बचपन खेलता हैयाद आती है गुल्ली डं
मां के किसी कोने में आज भी बचपन खेलता हैयाद आती है गुल्ली डं
Ashwini sharma
रूठ जाना
रूठ जाना
surenderpal vaidya
विश्राम   ...
विश्राम ...
sushil sarna
खर्च कितना करें
खर्च कितना करें
मधुसूदन गौतम
मुझसा फ़कीर कोई ना हुआ,
मुझसा फ़कीर कोई ना हुआ,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खोजते फिरते हो पूजा स्थलों में
खोजते फिरते हो पूजा स्थलों में
Dhirendra Singh
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
Swami Ganganiya
पिया - मिलन
पिया - मिलन
Kanchan Khanna
बिल्कुल, बच्चों के सम्मान और आत्मविश्वास का ध्यान रखना बहुत
बिल्कुल, बच्चों के सम्मान और आत्मविश्वास का ध्यान रखना बहुत
पूर्वार्थ
प्यार जिंदगी का
प्यार जिंदगी का
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
माधव मालती (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
माधव मालती (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
Subhash Singhai
दिल को लगाया है ,तुझसे सनम ,   रहेंगे जुदा ना ,ना  बिछुड़ेंगे
दिल को लगाया है ,तुझसे सनम , रहेंगे जुदा ना ,ना बिछुड़ेंगे
DrLakshman Jha Parimal
4183💐 *पूर्णिका* 💐
4183💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"" *एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य* "" ( *वसुधैव कुटुंबकम्* )
सुनीलानंद महंत
मेरा केवि मेरा गर्व 🇳🇪 .
मेरा केवि मेरा गर्व 🇳🇪 .
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
डॉ अरूण कुमार शास्त्री,
डॉ अरूण कुमार शास्त्री,
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...