Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jan 2022 · 1 min read

एक ख्वाहिश

कल तक जो मेरे अपने मेरे लिए मागा करते थे दुआएं
जिनके हर शुकराने में मेरा ज़िक्र हुआ करता था
फ़िर न जाने क्या खता हुई ऐसी
जो “अपनों” ने ही इस तरह कर दिया बेगाना
अरे” हा एक रोज बयां कर दिया वो राज
जो थी मेरे दिल की ख्वाहिश
बेटियों को मिलता नहीं ,खुला आसमान
कुछ इस तरह कर दिया “अपनो ”
ने “अपने” होने का इजहार

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 264 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
करके घर की फ़िक्र तब, पंछी भरे उड़ान
करके घर की फ़िक्र तब, पंछी भरे उड़ान
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
সেই আপেল
সেই আপেল
Otteri Selvakumar
मैं पलट कर नही देखती अगर ऐसा कहूँगी तो झूठ कहूँगी
मैं पलट कर नही देखती अगर ऐसा कहूँगी तो झूठ कहूँगी
ruby kumari
मेरे हौसलों को देखेंगे तो गैरत ही करेंगे लोग
मेरे हौसलों को देखेंगे तो गैरत ही करेंगे लोग
कवि दीपक बवेजा
सियासत हो
सियासत हो
Vishal babu (vishu)
प्रहरी नित जागता है
प्रहरी नित जागता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
एक तो धर्म की ओढनी
एक तो धर्म की ओढनी
Mahender Singh
मुस्कुराहट
मुस्कुराहट
Naushaba Suriya
Kabhi kitabe pass hoti hai
Kabhi kitabe pass hoti hai
Sakshi Tripathi
■दोहा■
■दोहा■
*Author प्रणय प्रभात*
पितृ स्तुति
पितृ स्तुति
दुष्यन्त 'बाबा'
A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
बाज़ार में क्लीवेज : क्लीवेज का बाज़ार / MUSAFIR BAITHA
बाज़ार में क्लीवेज : क्लीवेज का बाज़ार / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
Bhupendra Rawat
नज़र बचा कर चलते हैं वो मुझको चाहने वाले
नज़र बचा कर चलते हैं वो मुझको चाहने वाले
VINOD CHAUHAN
3178.*पूर्णिका*
3178.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विचार और रस [ एक ]
विचार और रस [ एक ]
कवि रमेशराज
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
वोटों की फसल
वोटों की फसल
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शातिरपने की गुत्थियां
शातिरपने की गुत्थियां
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दुल्हन जब तुमको मैं, अपनी बनाऊंगा
दुल्हन जब तुमको मैं, अपनी बनाऊंगा
gurudeenverma198
कितने बड़े हैवान हो तुम
कितने बड़े हैवान हो तुम
मानक लाल मनु
किसी नौजवान से
किसी नौजवान से
Shekhar Chandra Mitra
कोहरा
कोहरा
Ghanshyam Poddar
*शुभ रात्रि हो सबकी*
*शुभ रात्रि हो सबकी*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"जीवन का सबूत"
Dr. Kishan tandon kranti
"नए सवेरे की खुशी" (The Joy of a New Morning)
Sidhartha Mishra
प्रद्त छन्द- वासन्ती (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गागागा गागाल, ललल गागागा गागा। (14 वर्ण) अंकावली- 222 221, 111 222 22. पिंगल सूत्र- मगण तगण नगण मगण गुरु गुरु।
प्रद्त छन्द- वासन्ती (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गागागा गागाल, ललल गागागा गागा। (14 वर्ण) अंकावली- 222 221, 111 222 22. पिंगल सूत्र- मगण तगण नगण मगण गुरु गुरु।
Neelam Sharma
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बाट का बटोही ?
बाट का बटोही ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...