एक ख्वाब
एक ख्वाब हे उड़ जाने का
दूर क्षितिज को छू आने का
चांद पर चढ़कर आसमान के
अनगिनत तारों को गिन आने का
एक ख्वाब ही नीले अंबर में नीली परी बनकर
अपने पंखों पर सबको बिठा कर
इस गगन की सैर कराने का
एक ख्वाब है पतझड़ में सावन की फुहार
बनकर हरी दूब पर ओस के मोती बनकर
सूर्य की रोशनी से चमकने का
एक ख्वाब है भैया की प्यारी
मम्मी पापा की लाडली बनकर
संस्कारों की चुनर उड़ कर
सफलता को छू लेने का
एक ख्वाब है कांटों से भरी दुनिया में
कांटो से फूल खिलाने का
रेतीले रेगिस्तान
मे भी शीतल नदियां बनने का
एक ख्वाब है इस ख्वाब को सच करने का
रचनाकार मंगला केवट होशंगाबाद मध्य प्रदेश