एक खुमार सा छाया, लहर फूटने लगी
उन्होंने हमारी शान में दो बोल क्या कहे,
एक खुमार सा छाया, लहर फूटने लगी।
हम ख्वाबों और ख्यालों में झूमने लगे,
होश आया तब ये पाया, ज़मीं छूटने लगी।
————-शैंकी भाटिया
अक्टूबर 5, 2016
उन्होंने हमारी शान में दो बोल क्या कहे,
एक खुमार सा छाया, लहर फूटने लगी।
हम ख्वाबों और ख्यालों में झूमने लगे,
होश आया तब ये पाया, ज़मीं छूटने लगी।
————-शैंकी भाटिया
अक्टूबर 5, 2016