एक ख़्वाब।
एक ख़्वाब नज़रों में पल रहा है।
धड़कन से नादां दिल भी मचल रहा है।।
ग़रीब का सबकुछ बदल रहा है।
देखो तो कीचड़ में कमल खिल रहा है।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍
एक ख़्वाब नज़रों में पल रहा है।
धड़कन से नादां दिल भी मचल रहा है।।
ग़रीब का सबकुछ बदल रहा है।
देखो तो कीचड़ में कमल खिल रहा है।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍