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17 Jun 2023 · 1 min read

एक किस्सा तो आम अब भी है,

एक किस्सा तो आम अब भी है,
दिल किसी का ग़ुलाम अब भी है।
ये पता है उतर चुका दरिया,
रेत पर कोई नाम अब भी है।।

😘प्रणय प्रभात😘

2 Likes · 159 Views
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