Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2024 · 1 min read

एक क़ता ,,,,

एक क़ता ,,,,
💖
दुनिया के बेहतरीन , कलाकार आप हो ,
हर शख्स जानता है, वफ़ादार आप हो ।
सूरत उतार, दी है , मेरी कैनवास पर ,
आली जनाब ‘नील’, सज़ावार आप हो।
✍नील रूहानी…

17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कमल खिल चुका है ,
कमल खिल चुका है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
सड़कों पर दौड़ रही है मोटर साइकिलें, अनगिनत कार।
सड़कों पर दौड़ रही है मोटर साइकिलें, अनगिनत कार।
Tushar Jagawat
तू ही हमसफर, तू ही रास्ता, तू ही मेरी मंजिल है,
तू ही हमसफर, तू ही रास्ता, तू ही मेरी मंजिल है,
Rajesh Kumar Arjun
सारे गुनाहगार खुले घूम रहे हैं
सारे गुनाहगार खुले घूम रहे हैं
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
भाव में,भाषा में थोड़ा सा चयन कर लें
भाव में,भाषा में थोड़ा सा चयन कर लें
Shweta Soni
"परवाने"
Dr. Kishan tandon kranti
नागपंचमी........एक पर्व
नागपंचमी........एक पर्व
Neeraj Agarwal
आलस्य का शिकार
आलस्य का शिकार
Paras Nath Jha
वे सोचते हैं कि मार कर उनको
वे सोचते हैं कि मार कर उनको
VINOD CHAUHAN
-- आधे की हकदार पत्नी --
-- आधे की हकदार पत्नी --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
नौकरी (२)
नौकरी (२)
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
3418⚘ *पूर्णिका* ⚘
3418⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
Suryakant Dwivedi
******** प्रेरणा-गीत *******
******** प्रेरणा-गीत *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सूनी बगिया हुई विरान ?
सूनी बगिया हुई विरान ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सरस्वती वंदना-2
सरस्वती वंदना-2
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हमसफ़र
हमसफ़र
अखिलेश 'अखिल'
शादी के बाद में गये पंचांग दिखाने।
शादी के बाद में गये पंचांग दिखाने।
Sachin Mishra
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.
कवि रमेशराज
गगन पर अपलक निहारता जो चांंद है
गगन पर अपलक निहारता जो चांंद है
इंजी. संजय श्रीवास्तव
जो हार नहीं मानते कभी, जो होते कभी हताश नहीं
जो हार नहीं मानते कभी, जो होते कभी हताश नहीं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
ए कुदरत के बंदे ,तू जितना तन को सुंदर रखे।
ए कुदरत के बंदे ,तू जितना तन को सुंदर रखे।
Shutisha Rajput
बह्र -212 212 212 212 अरकान-फ़ाईलुन फ़ाईलुन फ़ाईलुन फ़ाईलुन काफ़िया - आना रदीफ़ - पड़ा
बह्र -212 212 212 212 अरकान-फ़ाईलुन फ़ाईलुन फ़ाईलुन फ़ाईलुन काफ़िया - आना रदीफ़ - पड़ा
Neelam Sharma
खामोशियां मेरी आवाज है,
खामोशियां मेरी आवाज है,
Stuti tiwari
नरसिंह अवतार विष्णु जी
नरसिंह अवतार विष्णु जी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
🍁🌹🖤🌹🍁
🍁🌹🖤🌹🍁
शेखर सिंह
■ प्रभात वंदन....
■ प्रभात वंदन....
*प्रणय प्रभात*
Loading...