एक कहानी लिख डाली…..✍️
अपनी नादानी में हमने, मनमानी जो कर डाली
तुझको लिखते–लिखते हमने, एक कहानी लिख डाली
हम तो हैं आवारा बादल
युँ हि उड़ते रहते हैं
जहाँ मिली हमको हरियाली
हम तो बरसा करते हैं
रिमझिम सावन की हमने,मेहमानी जो कर डाली
तुझमें बहते–बहते हमने, एक रवानी लिख डाली
रूप–गंध तेरा तन–मन छूता
पुरवाई सा महकाता
रंग–अंग तेरे कुंदन ढ़लता
अंगड़ाई ले छलकाता
तेरे चाँद से चेहरे की, दरबानी जो कर डाली
तुझमें खोते–खोते हमने, इक निगरानी लिख डाली
रूह–रूहानी जो है अपनी
चोला अपना है जो कफनी
तू मेरे है प्रीत की जननी
अंबर सा मैं तू है अवनी
रूमानी बातों की हमने,अगवानी जो कर डाली
इश्क़ में जलते–जलते हमने, बात मसानी लिख डाली
–कुंवर सर्वेंद्र विक्रम सिंह
*यह मेरी स्वरचित रचना है
*©️®️सर्वाधिकार सुरक्षित