एक कवि की शिक्षाप्रद लघु कथा
एक बार की बात है कि एक कवि को एक राजा ने उसकी किसी गलती पर मौत की सजा सुना दी। कवि राजा के सामने बहुत गिड़गिड़ाया और प्रार्थना की , “आदरणीय महाराज जी, मेरी मौत की सजा माफ कर दीजिएगा मैं ऐसी गलती कभी भी भविष्य में नहीं करूंगा और मैं अपनी रचना उसी को सुनाऊंगा जो सुनना चाहेगा किसी को भी जबरदस्ती अपनी कविता नहीं सुनाऊंगा ” राजा बोला, “अच्छा तुम्हारी मौत को इस शर्त पर माफ की जा सकती है कि अगर तुम एक माह के अंदर मुझे बताओ कि एक स्त्री अपने पति से क्या चाहती है ?”
कवि असमंजस में पड़ गया कि राजा के इस प्रश्न का क्या उत्तर दू। अगर मैने इस प्रश्न का उत्तर गलत दे दिया तो राजा मेरी सजा को माफ नहीं करेगा।
अतः वह कवि राजा के पूछे गए प्रश्न का उत्तर जानने के लिए एक साधु के पास पहुंचा और उससे बोल, “आप तो पहुंचे हुए संत और ज्ञानी है अगर आप मुझे यह बता दें कि एक स्त्री अपने पति से क्या चाहती है तो राजा द्वारा दी गई मेरी मौत की सजा माफ हो सकती है। आपका बड़ा उपकार होगा ”
साधु बोला,” मेरे पास इस प्रश्न का सही जवाब नहीं है पर दूर घने जंगल में एक चुड़ैल रहती है वह आपके इस प्रश्न का उत्तर अवश्य और सही देगी । वह बड़ी चतुर और होशियार है” वह कवि उस घने जंगल में रह रही उस चुड़ैल के पास पहुंचा और उससे कहा,”अगर आप यह बता दें कि एक स्त्री अपने पति से क्या चाहती है तो मेरी जान बच सकती है और राजा मेरी मौत की सजा माफ कर देगा” चुड़ैल भी बोली, “ठीक है मैं तुम्हारे इस प्रश्न का जवाब मेरे पास है और वह बिल्कुल सही भी है। पर मेरी भी एक शर्त है कि तुम्हे मुझे से शादी करनी होगी और जब मेरा मन करेगा तो मै चुड़ैल बन जाऊंगी और जब मेरा मन करेगा तो मै परी बन जाऊंगी। इस बात पर तुम कभी भी नही टोकोगे। मै दिन या रात में कभी भी चुड़ैल बन सकती हूं और कभी भी परी बन सकती हूं और आप ऐसा करने से मुझे कभी भी मना नहीं करेंगे ” कवि बडा
होशियार और काफी समझदार था वह समझ गया कि चुड़ैलों के मन में क्या भाव छुपा है वह सोचने लगा अगर यह स्त्री रात को चुड़ैल बन जाएगी तो मुझे ये रात में सोने नहीं देगी और अगर वह दिन में परी बन गई तो मै इसकी सुंदरता के कारण मैअपनी रचनाएं नहीं लिख पाऊंगा और इसे निहारता ही रहूंगा । यह परी बनेगी तो दिन में कोई भी काम न करने देगीऔर न ही कोई कविता लिखने देगी इसे खुश रखने के लिए मुझे इसकी हर बात माननी होगी। अच्छा होगा में इससे शादी कर लेता हूं। उसने उस चुड़ैल से कहा ,”मैं तुमसे अभी यही शादी कर लूंगा ” चुड़ैल यह सुनकर बड़ी खुश हुई और एकदम परी बन गई और कहा,” मैं तुम्हारा साथ कभी भी नहीं छोडूंगी और तुम्हारे साथ ही रहूंगी”।शादी करने के पश्चात वह कवि राजा के पास उसके दरबार में पहुंचा और कहां, ,,”महाराज मुझे आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया है ” राजा ने कहा बताओ कवि ने कहा, ,””एक स्त्री अपने पति से यह चाहती है कि उसका पति हर बात में उसकी हां में हां मिलाता रहे और जो चाहे वह करती रहे उसके कार्य में कोई टोका टोकी न करे”। राजा अपने प्रश्न का उत्तर सुनकर बड़ा खुश हुआ और उसने उसकी मौत की सजा को माफ कर दिया। राजा के खुश होने का कारण यह था कि उसकी रानी राजा से काफी दुखी थी क्योंकि राजा रानी की बात नही मानता था और वह इस कारण से दुखी रहती थी।
इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है अगर कोई व्यक्ति समझदारी से काम ले तो वह अपनी सभी समस्याओं का समाधान ढूंढ सकता है जैसा कि इस कवि महोदय ने और राजा ने किया। अगर समस्या है तो उसका समाधान भी है समस्या आने पर कभी भी घबराना नहीं चाहिए जैसा कि राजा और कवि ने किया।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम