Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Aug 2021 · 4 min read

एक कल्पना 2050 का भारत

शीर्षक – एक कल्पना 2050 का भारत

कहानी सुरु करने से पहले कुछ पंक्ति …

दादा और पोते की बात जो लिख रहा हूँ आज
कुछ कल्पना कुछ सच अंतरमन के भाव राज

पूरी दुनिया चिल्लम चिल्ली भागा दौड़ी में गुजाऱा
अपने के साथ छुटे रिश्ते नाते सब बंधन फिर टूटे ।

मशीन के जैसे हो गए है आज वक्त बन गया बाज
जीने के लिए जरुरी रोटी कपडा मकान और काज
◾️◾️◾️◾️◾️◾️◾️◾️◾️◾️◾️◾️◾️

दादा ➡️
आज 2021 चल रहा है । 2050 तक आते
आते सब बदल जायेगा न तुम रहोगे न हम पर दुनिया रहेगी और ये समय बदल जायेगा।

पोता ➡️
कैसे दादा जी
दादा ➡️
कैसे आज कंप्यूटर का जमाना है ऑनलाइन
सब कुछ हो रहा वो दिन दूर नहीं जब रिश्ते की
किसी को कद्र तक नहीं होगी ।
बल्कि कहु तो शायद मशीन ही सब कुछ होगी
रोबोट का जमाना होगा जो ज्ञानी होगा उसी का
2050 का जमाना होगा ।
रिश्ते अभी से तार तार होने लगे है,कलयुग
का अंत आया है। यही डिजिटल ऑनलाइन कंप्यूटर राक्षस है पोता जी जो रावण बन
कर आया है।

पोता ➡️
ये सब मेरे दिमाक के ऊपर से गया दादा जी
दादा ➡️
ज्ञान जिसके पास है वो महान है पर ये दुनिया पहले जैसे नहीं रही बदलते जा रही है ।
क्यू की बदलाव ही जीवन का सच है।
पहले बैलगाड़ी चलती थी सायकल था
अब सब बदल गया गरीब के घर में भी सायकल
नहीं है । और जिनके पास है वो चलाना नहीं चाहता
सब खोखली शान के चक्कर में ।
अब गाड़ी का जमाना बाइक , कार वेगेरा अब तो पढ़ाई भी ऑनलाइन हो गई है।

पोता ➡️
तो ठीक तो है न दादा जी देश तरक्की कर रहा । हम आगे बढ़ रहे है सब का विकास हो रहा है
ये तो अच्छा बात है न,

दादा➡️
हा वो सब तो ठीक है पर काम और मशीन के
इस कलयुग में लोग अपनों को कही पीछे खोते जा
रहे है । अभी तो सुरुवात है पोता जी 2021 है न
जैसे आज लाईट नहीं है तभी तो तू मेरे पास बैठा
है नहीं तो तू भी मोबाईल या कंप्यूटर में लगा रहता
2050 में तो ये सब बस नाम के रिश्ते होंगे और कुछ भी नहीं । किसी को किसी के लिए समय ही
नहीं होगा । अगर मै तुम्हे कहु की तुम मोबाईल और कंप्यूटर छोड़ दो तो क्या कर पाएगा

पोता ➡️ नहीं दादा जी कुछ टाइम भले छोड़ सकता हूँ ।

दादा .➡️
हां यही तो बात है न आज इस तरह है सोच
अगर अभी ऐसा है तो कल क्या होगा सिर्फ एक क्षेत्र की बात नहीं कर रहा हूँ । सभी फील्ड में ऐसा
है।

पोता ➡️
तो क्या दादा जी 2050 में लोग होंगे ही नहीं पूरा रोबोट का जमाना होगा ।

दादा➡️
नहीं ऐसा नहीं
है अगर हम मानव ही नहीं होंगे तो रोबोट बनेगा कैसे उसको तो बनाये हम लोग ही है अपनी सुविधा
के लिए ।

पोता ➡️तो फिर दादा जी क्या होगा
दादा ➡️ आज तेरे पापा कहा काम करते है ।
पोता ➡️ कार की कंपनी में

दादा ➡️
अच्छा और वो कार किसी इंसान ने ही बनाया
जिसके पास ज्ञान ज्यादा है वही बनायेगा न बाकि
सब उसके अंदर काम करेंगे ।
तो उसी प्रकार 2050 में भी जो ज्यादा ज्ञानी
माल दार होगा वही राज करेगा । और उसके सामने
लोग झुकेंगे इज्जत करेंगे अपने माँ पापा की नहीं जो पैसे देगा उसी की गुलामी होगी।

पोता ➡️
अच्छा मतलब जो आदमी ज्यादा ज्ञानी है
वही धनी होगा
दादा ➡️
हा क्यू की उसे हजार रास्ते मिलेगे पैसे कमाने के , वो ठगी करेगा लोगो के साथ पैसे कमाने
के चक्कर में तब लोग लाज नहीं होगी बस पैसा और मसीन होगा ।

सुन आज 2021 में कोई छोटा व्यपारी
आगे क्यू नहीं बढ़ रहा उसके पास ज्ञान
की कमी है । और उसे ठगने की आदत
नही न झूठ बोल कर पैसे कमाने की । वो दुसरो
के बारे में सोचता है । और दान की बात आये तो
वही छोटा व्यपारी दिल खोल कर साफ मन से दान
कर देता है बिना लालच के । और पैसे वाले रसूखदार लोग दान भी जता कर करते है ओर लोग
उनकी पूजा करते है । पर उस दान के पीछे भी ये
उस रसूखदार का स्वार्थ छुपा होता है।
बिना स्वार्थ के वो कुछ भी नहीं करते समझा वो कोई रिश्ते नाते नहीं जानते क्यू की वो बस रावण
की तरह हो जाते है । सब जान का अंजान बनना

पोता ➡️ मेरी कुछ समझ में आया और कुछ सर के ऊपर से चला गया दादा जी।
अब रोज आप से बात करुगा ऐसे ही कुछ कुछ बताते रहना।

दादा ➡️ ठीक है पोता जी लाईट आ गई जा पढ़ाई कर ले ।
और याद रखना इतना भी पैसे और सक्सेस के पीछे मत भागना की अपने दिखाई न दे। ये अभी
2021 चल रहा है अभी तो 2050 आने में टाइम है

◾️◾️The end◾️◾️

मौलिक/सार्वधिक सुरक्षित
स्वरचित-प्रेमयाद कुमार नवीन
छत्तीसगढ़ – (महासमुन्द)

Language: Hindi
2 Likes · 713 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
Ajad Mandori
यूं ही कोई शायरी में
यूं ही कोई शायरी में
शिव प्रताप लोधी
धुन
धुन
Sangeeta Beniwal
होली
होली
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
परोपकार
परोपकार
ओंकार मिश्र
कैद है तिरी सूरत आँखों की सियाह-पुतली में,
कैद है तिरी सूरत आँखों की सियाह-पुतली में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
मन के वेग को यहां कोई बांध सका है, क्या समय से।
Annu Gurjar
पितरों का लें आशीष...!
पितरों का लें आशीष...!
मनोज कर्ण
सितमज़रीफ़ी
सितमज़रीफ़ी
Atul "Krishn"
जीवन में संघर्ष सक्त है।
जीवन में संघर्ष सक्त है।
Omee Bhargava
ज़िंदगानी
ज़िंदगानी
Shyam Sundar Subramanian
दोहा बिषय- दिशा
दोहा बिषय- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
मुनाफे में भी घाटा क्यों करें हम।
सत्य कुमार प्रेमी
पोषित करते अर्थ से,
पोषित करते अर्थ से,
sushil sarna
3747.💐 *पूर्णिका* 💐
3747.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
पूर्वार्थ
"नजर से नजर और मेरे हाथ में तेरा हाथ हो ,
Neeraj kumar Soni
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
मतदान जरूरी है - हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
बच्चे
बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
राष्ट्र हित में मतदान
राष्ट्र हित में मतदान
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
अगर प्रेम है
अगर प्रेम है
हिमांशु Kulshrestha
अनुभव 💐🙏🙏
अनुभव 💐🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
दर्द ना अश्कों का है ना ही किसी घाव का है.!
शेखर सिंह
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
*किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव
ओ अच्छा मुस्कराती है वो फिर से रोने के बाद /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
#चिंतनीय
#चिंतनीय
*प्रणय*
"समरसता"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
Loading...