एक और इंकलाब
कितना बर्दाश्त करें नौजवान!
क्यों न एहतिजाज करें नौजवान!!
तो डोल उठेंगे उनके इंद्रासन
अगर बुलंद आवाज करें नौजवान!!
अंज़ाम की परवाह किए बग़ैर
देश के उज्जवल भविष्य के लिए!
अब ज़ुल्मत के इस निज़ाम से
एक और इंकलाब करें नौजवान!!
Shekhar Chandra Mitra
#अवामीशायरी #इंकलाबीशायरी