एक उम्र गुस्ताखी के लिए भी
*एक ऊम्र,
गुस्ताख़ियों के लिये भी
नसीब होनी चाहिये*
*ये कम्बख़्त
ज़िंदगी तो बस,
अदब और लिहाज़ में ही गई..!!*
*एक ऊम्र,
गुस्ताख़ियों के लिये भी
नसीब होनी चाहिये*
*ये कम्बख़्त
ज़िंदगी तो बस,
अदब और लिहाज़ में ही गई..!!*