एक उडान बाकि है अभी!!
इस तरह हमनें न कोई रिश्ता बनाना चाहा !
जिस तरह तुमने हमसे निभाना चाहा !
आजा़द कर दिया मैंने परिन्दे को !
जब देखा फड़फड़ाते परों ने उड़ना चाहा!
ज्योतिमा
इस तरह हमनें न कोई रिश्ता बनाना चाहा !
जिस तरह तुमने हमसे निभाना चाहा !
आजा़द कर दिया मैंने परिन्दे को !
जब देखा फड़फड़ाते परों ने उड़ना चाहा!
ज्योतिमा