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31 Dec 2023 · 1 min read

एक इस आदत से, बदनाम यहाँ हम हो गए

एक इस आदत से, बदनाम यहाँ हम हो गए।
साथ कोई देता नहीं, बन्द सारे काम हो गए।।
एक इस आदत से ————————–।।

उनसे क्यों नहीं शिकायत, बोलते हैं सदा जो झूठ।
कह दी बात दिल की नशे में, बदजुबां हम हो गए।।
एक इस आदत से —————————।।

शौक यहाँ किसको नहीं है, हुस्न और मौजों का।
महफ़िल जो हमने सजाई है, परेशान सब हो गए।।
एक इस आदत से —————————–।।

फूल तो तोड़े हैं सबने, दिल में खुशबू भरने को।
हमने किसी से प्यार किया तो, शैतान हम हो गए।।
एक इस आदत से ——————————।।

रोकते उनको नहीं क्यों, बेचते हैं जो ईमान।
मांगा हमने इंसाफ तो, नाराज लोग हो गए।।
एक इस आदत से —————————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

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