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28 May 2021 · 1 min read

एक आदर्श परिवार की संकल्पना

परिवार छोटा हो या बड़ा हो ,
हो उसमें अत्यधिक प्यार ।

हर सदस्य एक दूजे से हो जुड़ा,
हों जैसे वो एक ही दिल के तार ।

हों चाहे जैसे भी हालात जीवन में,
कंधे से कंधा मिलाए खड़े हो हर बार ।

दुख हो तो एक दूजे के आंसू पोंछे,
सुख और आनंद में हो जाएं एकसार ।

आशा और विश्वास से जुड़ा हो रिश्ता ,
करे मानवीय दुर्गुणों को अस्वीकार ।

सद्गुणों को उबारे ,कमियों को छुपाए,
एक दूजे का उत्साह बढ़ाने को रहे तैयार ।

तेरे मेरे की भावना का ना हो समावेश ,
है “हम” की भावना से भरा सुन्दर व्यवहार ।

बड़ों बुजुर्गों का हो आदर सम्मान और सेवा,
और छोटो से हो अत्यधिक प्यार व् दुलार ।

अनुशासन भी मगर प्यार के साथ जरूरी है,
जिससे संतान सीखे सभ्यता और संस्कार ।

हंसी खुशी से रहे एक दूजे का दिल बहलाए ,
हर पल को आनंद से जीतते हुए जीते वो संसार ।

यह संकल्पना कल्पना है या हकीकत जो भी है ,
गर मिल जाए ऐसा परिवार तो हो जायूं मैं बलिहार ।

मगर आदर्श परिवार बनाना कोई मुश्किल नहीं,
बस हर सदस्य को त्यागना होगा अपना अहंकार ।

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 550 Views
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