एक अबोध बालक
एक अबोध बालक
इंसान कर्तव्य से जिंदा रहता है,
उत्साह से जवान होता है,
परोपकार से प्रफुल्लित
और
प्रार्थना से चिरंजीवी बनता है!!
Author (S.P)
एक अबोध बालक
इंसान कर्तव्य से जिंदा रहता है,
उत्साह से जवान होता है,
परोपकार से प्रफुल्लित
और
प्रार्थना से चिरंजीवी बनता है!!
Author (S.P)