एक अजीब सी आग लगी है जिंदगी में,
एक अजीब सी आग लगी है जिंदगी में,
कहीं धुआँ तो कहीं चिंगारी सी उठ रही है जिंदगी में,
चैन से बैठना भी अब जैसे सपना हो गया है,
अब तो नींद में भी आग लगी है जिंदगी में।।
prAstya…
एक अजीब सी आग लगी है जिंदगी में,
कहीं धुआँ तो कहीं चिंगारी सी उठ रही है जिंदगी में,
चैन से बैठना भी अब जैसे सपना हो गया है,
अब तो नींद में भी आग लगी है जिंदगी में।।
prAstya…