एकांत मन
परिस्थिति की बात हुई है
जन-जन मे अब चर्चा चली है
कोई भला अनजान क्या होगा
चुप रहकर भी साथ भली हैं
कभी यही तो कभी कही पर
एकांत मन की बात सही हैं।
गुरूर शोर पर क्यों करता हैं
अंजोर शोर मे ना मिलता
शोर संकेत भटके मन का
हर खोया हुआ इंसान यहाँ
शोर भरा अंधेरा हटते ही
एकांत मन की बात सही है।
शांत मन के जलवे गजब हैं
साथ मे हो तो लोग अलग है
पर साथ छूट जाए अगर तब
चिंता,चिता के समान बना हैं
अविष्कार अभिशाप बने तब
एकांत मन की बात सही हैं।