Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Oct 2021 · 1 min read

एकता

कहीं दर्द का नाम नहीं हो
मजहब पर कत्लेआम नहीं हो l
घर-घर फैले प्रेम-अहिंसा
नफरत का कोई काम नहीं हो ll
आओ मिलकर शपथ उठाएं
ऐसा एक नवभारत बनाएं l
आजादी की अमृत-उत्सव पर
एकता का हम दीप जलाएं ll

Language: Hindi
458 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from राजेश बन्छोर
View all
You may also like:
याद आती है हर बात
याद आती है हर बात
Surinder blackpen
वो तीर ए नजर दिल को लगी
वो तीर ए नजर दिल को लगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"डगर"
Dr. Kishan tandon kranti
उज्जैन घटना
उज्जैन घटना
Rahul Singh
फ़ूल भी फूलों से कहते हैं।
फ़ूल भी फूलों से कहते हैं।
Neeraj Agarwal
Below the earth
Below the earth
Shweta Soni
अद्वितीय प्रकृति
अद्वितीय प्रकृति
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
लफ्जों के सिवा।
लफ्जों के सिवा।
Taj Mohammad
दौड़ते ही जा रहे सब हर तरफ
दौड़ते ही जा रहे सब हर तरफ
Dhirendra Singh
तुम तो ख़ामोशियां
तुम तो ख़ामोशियां
Dr fauzia Naseem shad
नयी सुबह
नयी सुबह
Kanchan Khanna
ଅଦିନ ଝଡ
ଅଦିନ ଝଡ
Bidyadhar Mantry
कहानी
कहानी
कवि रमेशराज
आत्मघाती हमला
आत्मघाती हमला
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
बदनाम से
बदनाम से
विजय कुमार नामदेव
प्रकृति का भविष्य
प्रकृति का भविष्य
Bindesh kumar jha
आक्रोश तेरे प्रेम का
आक्रोश तेरे प्रेम का
भरत कुमार सोलंकी
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आंखों में ख़्वाब है न कोई दास्ताँ है अब
आंखों में ख़्वाब है न कोई दास्ताँ है अब
Sarfaraz Ahmed Aasee
नौकरी
नौकरी
Aman Sinha
अंकुरित हुआ है जो पौधा वट वृक्ष बनेगा एकदिन वह,
अंकुरित हुआ है जो पौधा वट वृक्ष बनेगा एकदिन वह,
Anamika Tiwari 'annpurna '
*त्योरी अफसर की चढ़ी ,फाइल थी बिन नोट  * [ हास्य कुंडलिया 】
*त्योरी अफसर की चढ़ी ,फाइल थी बिन नोट * [ हास्य कुंडलिया 】
Ravi Prakash
मुराद अपनी कोई अगर नहीं हो पूरी
मुराद अपनी कोई अगर नहीं हो पूरी
gurudeenverma198
..
..
*प्रणय*
तिरंगा
तिरंगा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जिंदगी तो पहले से बिखरी हुई थी
जिंदगी तो पहले से बिखरी हुई थी
Befikr Lafz
"जख्म की गहराई"
Yogendra Chaturwedi
तुम्हारा जिक्र
तुम्हारा जिक्र
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
3637.💐 *पूर्णिका* 💐
3637.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
धार्मिक इतने बनो की तुम किसी का बुरा न कर सको
धार्मिक इतने बनो की तुम किसी का बुरा न कर सको
Sonam Puneet Dubey
Loading...