एकता का संदेश
हिंदू मुस्लिम सिख और ईसाई ,
रहे परस्पर सदा भाई भाई ।
फिर क्यों स्वार्थी नेताओं के,
भहकावे में आकर करते हो लड़ाई ।
तुम्हारे मध्य दंगे भड़का कर,
उस आग में चढ़ाते स्वार्थ की कढ़ाई ।
उनको तो वोट कमाने है तुम लोगों से,
तुम क्यों मनमुटाव परस्पर बढ़ाते हो भाई!
यह नफरत की आग जहां भड़की ,
जनता के प्यार के शीतल जल ने यह बुझाई ।
हम सब एक ही ईश्वर की संतान है ,
और भारत माता की भी सभी संताने।
इसीलिए आपसे गुजारिश है मिलजुलकर ,
रहो जैसे एक ही परिवार के हो सगे भाई।