Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Aug 2024 · 1 min read

*ऋषिगण देते हैं शाप अगर, निज भंग तपस्या करते हैं (राधेश्यामी

ऋषिगण देते हैं शाप अगर, निज भंग तपस्या करते हैं (राधेश्यामी छंद )
________________________
ऋषिगण देते हैं शाप अगर, तो भंग तपस्या करते हैं
यह उनके तप ही का बल है, जो दुष्ट शाप से मरते हैं
दुष्टों से लड़ना कभी-कभी, जनहित में हुआ जरूरी है
वरदान कभी देना अच्छा, अभिशाप कभी मजबूरी है

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

62 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
Loading...