Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Dec 2021 · 1 min read

“ऋणानुबंधन”

जीवन के सफरमें बंध जायेंगे कई बंधन…!
निभालो नाजुक संबंध, कर्मों का हैं ऋणानुबंधन…!!
जन्मों का पुराणा नाता, इसे न तुम ठुकराव….!
कुछ तो होंगा इसमें ‘राज’ तभी तो हैं सब साथ…!!
अचानक से होता हैं मिलाप,
ईश्वरने रचाया ऐ आलाप…!!
बातों से होता हैं संगम, फिर बंधता रिश्ता खास…!
क़ुदरत का ईशारा हैं मंजूरी भी उसकी हैं…!!
न करो तूम रुआब, मानवता को करलो याद…!
सच्चा संबध इंसानियत का हैं, समझलो तमाम…!!

Language: Hindi
487 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बिगड़ी किश्मत बन गयी मेरी,
बिगड़ी किश्मत बन गयी मेरी,
Satish Srijan
मैं घमंडी नहीं हूँ ना कभी घमंड किया हमने
मैं घमंडी नहीं हूँ ना कभी घमंड किया हमने
Dr. Man Mohan Krishna
3285.*पूर्णिका*
3285.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सारा शहर अजनबी हो गया
सारा शहर अजनबी हो गया
Surinder blackpen
तुम और मैं
तुम और मैं
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
गंगा मैया
गंगा मैया
Kumud Srivastava
मैं मांझी सा जिद्दी हूं
मैं मांझी सा जिद्दी हूं
AMRESH KUMAR VERMA
It's not always about the sweet kisses or romantic gestures.
It's not always about the sweet kisses or romantic gestures.
पूर्वार्थ
गुरू शिष्य का संबन्ध
गुरू शिष्य का संबन्ध
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मनुष्य का उद्देश्य केवल मृत्यु होती हैं
मनुष्य का उद्देश्य केवल मृत्यु होती हैं
शक्ति राव मणि
दादाजी ने कहा था
दादाजी ने कहा था
Shashi Mahajan
गलत लोग, गलत परिस्थितियां,और गलत अनुभव होना भी ज़रूरी है
गलत लोग, गलत परिस्थितियां,और गलत अनुभव होना भी ज़रूरी है
शेखर सिंह
மழையின் சத்தத்தில்
மழையின் சத்தத்தில்
Otteri Selvakumar
नहीं जाती तेरी याद
नहीं जाती तेरी याद
gurudeenverma198
अलसाई आँखे
अलसाई आँखे
A🇨🇭maanush
मेरा साया ही
मेरा साया ही
Atul "Krishn"
सागर से अथाह और बेपनाह
सागर से अथाह और बेपनाह
VINOD CHAUHAN
*मनु-शतरूपा ने वर पाया (चौपाइयॉं)*
*मनु-शतरूपा ने वर पाया (चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
*अम्मा*
*अम्मा*
Ashokatv
नारी के चरित्र पर
नारी के चरित्र पर
Dr fauzia Naseem shad
एक किताब खोलो
एक किताब खोलो
Dheerja Sharma
ख़ामोशी जो पढ़ सके,
ख़ामोशी जो पढ़ सके,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*साम वेदना*
*साम वेदना*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हंसी आयी है लबों पर।
हंसी आयी है लबों पर।
Taj Mohammad
देशभक्ति जनसेवा
देशभक्ति जनसेवा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बस मुझे मेरा प्यार चाहिए
बस मुझे मेरा प्यार चाहिए
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मूर्ख बनाकर काक को, कोयल परभृत नार।
मूर्ख बनाकर काक को, कोयल परभृत नार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*मै भारत देश आजाद हां*
*मै भारत देश आजाद हां*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ये मतलबी ज़माना, इंसानियत का जमाना नहीं,
ये मतलबी ज़माना, इंसानियत का जमाना नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
करती पुकार वसुंधरा.....
करती पुकार वसुंधरा.....
Kavita Chouhan
Loading...