ऊहापोह
क्या होती हैं ऊहापोह,
जब निर्णय में असमंजस होए,
कैसे करें निदान,
नेक विचार की मान।
जैसा सोचे,वैसा हो न,
धीरज अपना ऐसे खो न।
समय गति से अपनी चलता,
क्यों तू नाहक हाथ है मलता।
उठो,करो बस निज कर्तव्य,
लक्ष्य हेतु बनो एकलव्य।
रामनारायण कौरव