“ऊपर वाले को बेवकूफ समझते हैं लोग ll
“ऊपर वाले को बेवकूफ समझते हैं लोग ll
अपने आप को क्या खूब समझते हैं लोग ll
किसी और की गलतियों को गुनाह समझते हैं,
और खुद के गुनाहों को भूल-चूक समझते हैं लोग ll
दिमाग बिलकुल भी लगाते नहीं हैं,
आखों देखी को सबूत समझते हैं लोग ll
खूब पाप करने के बाद खुद को,
पूजा-पाठ से महफूज रखते हैं लोग ll
मैं सादगी का दीवाना हूँ,
मुझे कंजूस समझते हैं लोग ll