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15 May 2022 · 1 min read

ऊपज

धरा निपजे सोना धन, धान्य सदाबहार,
हंसा तो मोती चुगे पाश संग खरपतवार,
.
नहीं साधना नेता की,खाती बगुले से मेल
बगुले का श्वेत रंग,नेता करते नाहक खेल
.
ढपली बजने की है बहुत पुरानी रीत,
सुन मंत्र मुग्ध हुए,वो जान मिले मीत,
.
वीणा कश मीराबाई नाचती सर्वस्व त्याग
छलिया छल गये ब्रह्म चरण राग आलाप
.
महिमा तेरी आपनी, मालूम कतई नहीं,
बाहर था तू बाहर ही कोय मुक्ति नाहीं.
.
व्यवस्था के नाम पर निर्धारित सब रेट,
आम आदमी चढे सब व्यवस्था के भेट.
.
संविदा इजाजत देता नहीं वोट में हो खोट,
एक गुप्त मतदान कारणे, लगे गहरी चोट,

हंस महेन्द्र सिंह

Language: Hindi
5 Likes · 3 Comments · 593 Views
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