ऊंची डाली
झूला झूलन बाग मैं जाऊगी
संग सहेलियों संग मैं जाऊँ गी
हाथों में मेहदी रचा कर माँ मैं
चूड़ी पहन हरी- हरी मैं जाऊँगी
सबसे ऊंची डाली छूकर आऊँ
माँ मेरी पींग मैं झूल आऊंगी
सावन का महीना आया बड़ा है
तीजा का त्यौहार मैं बाग जाऊँगी
शीला गहलावत सीरत