*उड़ना संभल संभल के*
उड़ना संभल संभल के पंछी,उड़ना संभल संभल के।
अपलक दृष्टि डाल दूर तक,तव कदम उठाना तल के।।
जाना है जिस ओर दिशा में ,तुम उस पर दृष्टि डालो ।
कच्चा है या पक्का इसको, तुम देखो ठोंक बजालो।
फिर पग रखना अपने पथ पर,रह मत जाना गल के।
उड़ना——————————————————।1।
फैला है विष बुझा धुंआ सा , दशों –दिशा अम्बर में।
रुक ना पाएं साँस घनेरी , हुए उड़ते कहीँ अधर में ।
हो सावधान टखनों को रखना,पंख चलाना हलके ।
उड़ना—————————————————–।2।
आएंगे सहस्र अवरोध राह में ,पर बचकर उड़ते जाना।
जाना है उस पार क्षितिज के ,और ढूंढ़ रहस्य बतलाना।
औरों पर है व्यर्थ भरोसा , रहना भरोसे निज बल के ।
उड़ना——————————————————।3।
है तेरी स्रष्टा तेरे बल पर , मत भूल तू जाना इनको ।
खोज बीन कर लाया मोती, तव दोगे बताना किसको।
फंस मत जाना कहीँ जाल में, मत रहना हाथ मसलके।
उड़ना——————————————————।4।
ये पुरवा-पश्छिमी हवाएं ,झटका देंगी तुमको गिन गिन।
कर सकतीं हैं काल गर्त में, ये देकर पटके छिन भिन ।।
बिखर गिरे यदि कहीँ धरा पर,रह जाएंगे मंसूबे कल के।
उड़ना——————————————————।5।
जीव तुच्छ ,है क्या हाथ में ,हैं संचित कुल अभिलाषाएं।
नहीं सहारा तिनके भर का , दुनिया मात्र लुभाबन ताएं।
छिपे सर्प से अस्तिनो में हैं ,ये बादल अगल– बगल के।
उड़ना——————————————————।6।
लाद न लेना बोझ अधिक तुम, है ये हल्का वाहन तेरा।
उठ न पाया तो व्यर्थ भार ये,पड़ा यहीं रह जाएगा तेरा।
उड़ना होगा दूभर,आएगा भर आँखों में नीर पिघलके।
उड़ना—————————————————–।7।