उस देश के वासी है 🙏
हम उस देश के वासी हैं
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उस देश के वासी हैं जिस देश
मानवता फलती फूलती है
भाई चारे का संदेश जहां
सत्य अहिंसा मंत्र गूंजता वहां
सत्यमेव जयते नारा लगता है
ममता सहिष्णुता सद्भाव जुड़ा
जन पगड़ी केसरिया खिलता है
उषा निराली दिवा निशा लाली
शांत मधुर मधुकलश सरस भरी
परोसे प्यार भोजन की थाली
खाना क्या खाना जहां पे स्नेह
बोली से पेट भर जाता है बातों में
स्वाद व्यवहार मीठी खट्टी तीखी
यादों में वक्त गुजार जनता जन
गले लग ईद मुबारक कहता है
ऊँच नीच का भेद नहीं मिलजुल
मेहनत मजदूरी कर खाते-पीते हैं
ज़्यादा की चाहत नहीं थोड़े में ही
संतोष कर विविधता एकता दर्शन
होली दिवाली क्रिसमस पूजा पाठ
उत्सव एक साथ मिल बाँट मनाते हैं
प्रेम दर्शानेवाला जीवनराम मर्यादित
जीने का राग सुनाते हैं जहाँ स्वभिमान
तिरंगा फर फर उड़ हुकार भरता है
वह न्यारा भारत देश हमारा है
ऊँच नीच का भेद मतभेद नहीं
काले गोरे रंगो से सरोकार नहीं
सबको एक दूसरे से नाता है
स्नेह मोहब्बत जन मन भरी
स्वच्छता मन मंदिर बसी जहां
सनातनी परंपरा संगम पावन
मिट्टी पानी हवा मेघ नभ जल
संचयन वितरण भविष्य कला
नद्य सागर की पूजा होती जहाँ
हम उस देश के वासी हैं जिस देश
पग घुंघरू बांध मीरा नाची
जहां घर घर नारी की पूजा होती
धन्य वह देश जहां जनकजानकी
सिया राम राधा रुकमनी कृष्णकन्हैया
दाउ की जन्म भूमी है शकुंतला दुश्यन्त
लाल भरत के नाम भारत गवाह उपनिषद्
वेद पुराण गीता ज्ञान का सागर है
स्वर्ग नरक द्वार चम्बा भरमोर हिमाचल
पाण्डव स्वर्ग पथ उत्तराखंड कैलाश
मानसरोवर हिमालय अभेद्य देश प्रहरी
जहां हम उस देश के वासी हैं जिस
देश में गंगा यमुना सरस्वती संगम
इक डुबकी से मोक्ष मिलता है
अद्भुत अद्वितीय दिव्य भव्य नव्य
सरयू तट श्रीरामचंद्र घर मंदिर
सहज सुलभ मर्यादा पुरुषोत्तम
पद खलाऊं पूज रामराज चला
अयोध्या मथुरा वृंदावन कावा
काशी हैं जहां रूह भरी भरपूर
हवाएं जीवन का रुत सिखाता है
जय भारत जय भारती रसस्वर
पवन चारों दिशा फैलाता है ।
दूजे दुःख निज समझ आपदा
विपदा में आगे आने वाला देश
भारत जग जन का भी प्यारा है।
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तारकेशवर प्रसाद तरूण