उस दिन
मद से लहराते क़दमों को
अनजान सी किसी डगर पर
मोड़ा था तुमने
जिस दिन
सागर की गहराई को
दर्द की उठती लहरों से
तौला था हमने
उस दिन
मद से लहराते क़दमों को
अनजान सी किसी डगर पर
मोड़ा था तुमने
जिस दिन
सागर की गहराई को
दर्द की उठती लहरों से
तौला था हमने
उस दिन