उसे दुःख होगा
उसे दुःख होगा
ज़ेहन से उदासियों के लिबास उतार दूँ मगर
उसे बड़ा दुःख होगा खुश देखकर मुझे
मेरी अना को फिर उसने ज़िंदा कर दिया
वो दे रहा था मौहब्बत भी फेंककर मुझे
बिस्तर की सिलवटों का सबब जो पूछ लिया मैंने
जवाब उसने दिया तो मगर बड़ा झेंपकर मुझे
आख़िरश मुहब्बत का दावा कर दिया उसने
अब देखना है कहाँ तक ले जायेगा वो खेंचकर मुझे