उसे छोड़ना ही पड़ा..!!
मुझे उसे छोड़ना पड़ा उसकी जिम्मेदारी के लिए,
उसे ही तकलीफ़े सहनी पड़ी उसकी ख़ामोशी के लिए !
मेरे लिए उसका इतना कहना ही काफ़ी था कि ” मैं ठीक हूँ यॉर “,
उसकी दिल्लगी.. उसी की तकलीफ़े बढ़ा रही थी, इसलिए उसे छोड़ना पड़ा उसकी दिलदारी के लिए !
वो कहती रही कि हम रहते दोस्त की तरह ताउम्र,
मैंने कहा तेरी ज़िन्दगी से ज्यादा ना कुछ कीमती है मेरे लिए !
उसकी एक मुस्कुराहट भारी है हज़ारों दुःखों पर मेरे,
फिर भी उसे जाने दिया उसकी सलामती के लिए !
मैं चाहता रहा कि वो किसी एक की मुक़म्मल होकर रहे, मैंने जाने दिया उसे.. उसकी वफ़ादारी के लिए !
हिम्मत, ताक़त, हौसला और जूनून.. वो सब कुछ है मेरी,
फिर भी उसे जाने दिया उसकी खुद्-दारी के लिए !!
❤️ Love Ravi ❤️