उसे किसका ख्वाब दिखाऊं
मिलना चाहती है, उसे पता क्या बताऊं
जो मुझे खुद का पता हो , तो उसे बुलाऊ
मेरा कोई ठिकाना नहीं रह गुजर
बता , तूही बता उसे कहा बुलाऊं
फरमाइशें करेगी उसे क्या क्या दिलाऊं
औकात की बात पे उसे किसका ख्वाब दिखाऊं
वो मेरी होना भी चाहे तो, भला कैसे हो
मैं कभी अपना ही नहीं हुआ, उसे कैसे बताऊ