उसी ने हमें अपना बना लिया
सभी से दिल लगा के देख लिया ..
दुश्मनों को भी गले से लगा के देख लिया ।
जो मिरे थे वो मिरे न हो सके ..
मैंने दुश्मनों को अपना बना लिया ।
चिराग़/कंदील बन कर खुद ही जलते रहे ,
वक्त ने मुझे कदामत बना दिया ।
हम ने उनका शहर क्या छोड़ा ,
उन्होंने हमें ही बेवफ़ा बना दिया ।
मणि ढूढ़ता रहा जिसे हर कदम ,
उसी ने मुझे अपना बना लिया ।