उससे तू ना कर, बात ऐसी कभी अब
उससे तू ना कर, बात ऐसी कभी अब।
करता मदद तो, कर देता वह अब तक।।
दिल से नहीं है, दिलदार वह इतना।
निभाता वादा तो, निभा देता वह अब तक।।
उससे तू ना कर ————————।।
करता नहीं है शायद, यकीन वह तुम पर।
होगा उसको शायद, कोई शक तुम पर।।
छोड़ दें उसका तू , करना इंतजार अब।
आना होता तो, आ जाता वह अब तक।।
उससे तू ना कर ————————।।
क्यों बता दी तुमने, उसको अपनी मजबूरी।
अपने घर की कहानी, उसको अपनी कमजोरी।।
आ रहा है उसको तो, तेरी दास्तां पर मजा।
बंटाना होता दर्द तो, बंटा देता वह अब तक।।
उससे तू ना कर ————————।।
पैसा ही जिंदगी है, पैसा ही यार है अब।
प्यार नहीं आदमी से, पैसा ही प्यार है अब।।
इतना नहीं आसान है, हाथों से छूटना पैसा।
देना होता तो दे देता, पैसा वह अब तक।।
उससे तू ना कर ————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)