उसने अपनी सारी जिन्दगी यूं ही तमाम कर ली
उसने अपनी सारी जिन्दगी यूं ही तमाम कर ली
उसने अपनी सारी जिन्दगी यूं ही तमाम कर ली
उसने अपनी बची साँसें बोतल के नाम कर दी
पिए जा रहा था वो , बोतल को गड़गड़ करके
बोतल ने उसकी सारी अंतड़ियां अपने नाम कर ली
क्या गम क्या ख़ुशी , बोतल हो गयी थी जिन्दगी की उसकी हमसफ़र
ताउम्र का रिश्ता बोतल से उससे अपने नाम कर ली
न उसे थी बच्चों की परवाह , न ही बीवी की खबर
उसकी हर खुशियाँ बोतल ने अपने नाम कर ली
घर का एक – एक सामान बिकने लगा था एक-एक कर
घर की हर एक चीज बोतल ने अपने नाम कर ली
घर की सारी खुशियाँ हो गयीं छूमंतर एक ही पल में
एक बोतल ने घर के हर सदस्य की आँखें नाम कर दी
पीता रहा वो बोतल अपने गम को कम करने के लिए
घर के हर शख्स की जिन्दगी बोतल ने अपने नाम कर ली
एक बोतल की चाह में उसने भुला दिया दुनिया को
उसकी जिन्दगी की हर एक चाह बोतल ने अपने नाम कर ली