उसके पाँव बिवाई है
ज्यादा गहरी खाई है।
अब मुश्किल भरपाई है।
जिसने कोर्ट कचहरी खींचा
मेरा अपना भाई है।
धरे हाँथ पर हाँथ वो बैठा
उसके पाँव बिवाई है।
शहर छोड़कर बापस आ जा
जीवन बड़ी कमाई है।
मर्ज बुरी है मगर गाँव में,
डॉक्टर और दवाई है।
फोन खरीदो प्लान डलाओ,
महँगी बहुत पढ़ाई है।
बुरे दिनों में खर्च करेगा,
जोड़ी पाई पाई है।
चार विवाहित बहनें उसकी,
सूनी मगर कलाई है।
संजय नारायण