उसके जैसा जमाने में कोई हो ही नहीं सकता।
उसके जैसा जमाने में कोई हो ही नहीं सकता।
ना प्यार करने वाला,,
ना केयर करने वाला,,
ना सपोर्ट करने वाला,,
ना शाबाशी देने वाला,,
ना बलाएँ लेने वाला,,
ना दुआएँ देने वाला,,
हाँ वहीं तो होता है
इकलौता शख्स,,
जिसे औलाद पिता कहती है।
बड़े नाज़ से, बड़े गर्व से, बड़ी शान से,,
हैप्पी फादर्स डे
✍️ प्रतिभा द्विवेदी मुस्कान©
सागर मध्यप्रदेश भारत
( 16 जून 2024 )