उसकी मुस्कुराहट
उसकी मुस्कुराहट
एक आसमान में चमकती
किसी बिजली सी है
वह मुस्कुराती कुछ ज्यादा ही है
लगता है
उस गुलाब की पंखुड़ियों की
रेशमी काया की परतों में
लपेटकर
वह कई सौ दर्द छिपाती है
सौ गमों को पी जाती है
सौ राज और
सौ टूटे हुए जिन्दगी के साज
अपने दिल की गहराइयों में
दफन करती है
उसकी मुस्कुराहट का नूर
रात के
एक काली गहरी सुरंग से
अंधियारे में भी
एक चांदनी सा बरसता है
वह रात के अंधियारों में भी और
दिन के उजालों में भी
अपने सच को उजागर होने नहीं
देती
वह अपनी हर हार को
जीत में बदल देने का
हुनर
हमेशा ही मुस्कुराहटों का
एक खिलता चमन बिखेरते हुए
अपने आंसुओं को
पान के पत्ते में
एक सुपारी के छोटे छोटे टुकड़ों सा बांधकर
रंग बिखेरना
चारों तरफ
एक फव्वारे सा
बखूबी जानती है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001