उसकी ज़ुल्फे…
उसकी ज़ुल्फों में खुशबू थी फैलीं थी
उसकी ज़ुल्फों में चुपा है अमृत का प्याला,
उसकी आँखों में चमक थी झलकती।
सब कुछ भूल जाता है वो जब मुस्कुराती
उसकी ज़ुल्फों में छुपी है खुशबू गुलाबों की,
पर उसके मन में अंधेरा था,
समझ नहीं पाता था वह क्यों रोती।
जिसे महसूस करती है वो, हो जाता है दीवाना।
उसकी ज़ुल्फों में खुशबू थी फैली,
उसकी आँखों में चमक थी झलकती।
उसकी ज़ुल्फों से झलकती हैं नई सोचों की किरणें,
बदल जाता है सब कुछ जब उससे कोई मिला ले नजरे
जिसने सोचा, जिसने समझा,
कि जिंदगी के साथ होते हैं दुख-सुख।
उसकी ज़ुल्फों के झोंके से मचल जाती हैं ज़िन्दगी की सारी बेचैनियाँ,
जो महसूस करता है उसे, हो जाता है उससे प्यार का इजहार..!!!
~विशाल बाबू ✍️✍️✍️