उसकी अदा तो प्रेम पुजारी लगी मुझे।
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उसकी अदा तो प्रेम पुजारी लगी मुझे।
चितवन तो एक पैनी कटारी लगी मुझे।
मेरी नज़र को क्या हुआ बतला नहीं सकूं,
दो बच्चों की अम्मा भी तो,क्वारीं लगी मुझे।
सचिन मिश्र
उसकी अदा तो प्रेम पुजारी लगी मुझे।
चितवन तो एक पैनी कटारी लगी मुझे।
मेरी नज़र को क्या हुआ बतला नहीं सकूं,
दो बच्चों की अम्मा भी तो,क्वारीं लगी मुझे।
सचिन मिश्र