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26 Jul 2024 · 1 min read

उल्फ़त .में अज़ब बात हुआ करती है ।

उल्फ़त .में अज़ब बात हुआ करती है ।
ख़्वाबों में ही मुलाक़ात हुआ करती है ।
नज़रें इशारों को. समझ ही नहीं पाती –
बस खामोशियों से बात हुआ करती है ।

सुशील सरना

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