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18 Apr 2024 · 1 min read

“उल्फ़त के लिबासों में, जो है वो अदावत है।

“उल्फ़त के लिबासों में, जो है वो अदावत है।
तासीर ज़हर जैसी, बस नाम दवा सा है।।”

◆प्रणय प्रभात◆

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