Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2024 · 1 min read

उलझ गई है दुनियां सारी

उलझ गई है दुनियां सारी
स्वार्थ की हुई है बिमारी
देश की मान मर्यादा
भूल गई है जनता सारी
_ सोनम पुनीत दुबे

1 Like · 116 Views
Books from Sonam Puneet Dubey
View all

You may also like these posts

4291.💐 *पूर्णिका* 💐
4291.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कुछ दुआ की जाए।
कुछ दुआ की जाए।
Taj Mohammad
तुम्हारा नाम
तुम्हारा नाम
अंकित आजाद गुप्ता
सदियों बाद पधारे हैं प्रभु, जन्मभूमि हर्षाई है (हिंदी गजल)
सदियों बाद पधारे हैं प्रभु, जन्मभूमि हर्षाई है (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
सब भुला कर चल दिए
सब भुला कर चल दिए
Jyoti Roshni
"मंजिल"
Dr. Kishan tandon kranti
हाले कबीर, माले बेरहम
हाले कबीर, माले बेरहम
Sanjay ' शून्य'
दोहा सप्तक. . . . हिन्दी
दोहा सप्तक. . . . हिन्दी
sushil sarna
मेरी पावन मधुशाला
मेरी पावन मधुशाला
Rambali Mishra
दोहा
दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
पूर्ण विराग।
पूर्ण विराग।
लक्ष्मी सिंह
इस तरह मुझसे नज़रें चुराया न किजिए।
इस तरह मुझसे नज़रें चुराया न किजिए।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
जिंदगी वही जिया है जीता है,जिसको जिद्द है ,जिसमे जिंदादिली ह
जिंदगी वही जिया है जीता है,जिसको जिद्द है ,जिसमे जिंदादिली ह
पूर्वार्थ
“डिजिटल मित्रता” (संस्मरण)
“डिजिटल मित्रता” (संस्मरण)
DrLakshman Jha Parimal
हवा,धरती,पानी और आग की सीख
हवा,धरती,पानी और आग की सीख
Anil Kumar Mishra
‘प्यारी ऋतुएँ’
‘प्यारी ऋतुएँ’
Godambari Negi
*** सैर आसमान की....! ***
*** सैर आसमान की....! ***
VEDANTA PATEL
उहे सफलता हवय ।
उहे सफलता हवय ।
Otteri Selvakumar
#प्राण ! #तुम बिन. . .!
#प्राण ! #तुम बिन. . .!
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
घाव
घाव
अखिलेश 'अखिल'
ये सोहबत तुम्हारी नई-नई वफ़ाओं से है,
ये सोहबत तुम्हारी नई-नई वफ़ाओं से है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
माए
माए
श्रीहर्ष आचार्य
हिचकियां कम कभी नहीं होतीं
हिचकियां कम कभी नहीं होतीं
Dr fauzia Naseem shad
होली में
होली में
Dr Archana Gupta
जवाब ना दिया
जवाब ना दिया
Madhuyanka Raj
"बेटी दिवस, 2024 पर विशेष .."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
बैठाया था जब अपने आंचल में उसने।
बैठाया था जब अपने आंचल में उसने।
Phool gufran
नया साल
नया साल
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
तुम्हारी याद तो मेरे सिरहाने रखें हैं।
तुम्हारी याद तो मेरे सिरहाने रखें हैं।
Manoj Mahato
माँ का अबोला / मुसाफ़िर बैठा
माँ का अबोला / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
Loading...