उलझो न
#सुनो_न_____
कुछ उलझो तुम,
मैं सुलझा दूँ तुम्हें l
और तुम कहो कि,
रुको न अभी l
तेरी अंगुलीयों का स्पर्श,
मिलता रहे l
कुछ पहर सा, रुक गया,
यूँ ही मैं तुम्हें निहारती रहूँ l
तुम उलझें -उलझें से,
मैं सुलझाती रही तुम्हें l
✍
#सुनो_न_____
कुछ उलझो तुम,
मैं सुलझा दूँ तुम्हें l
और तुम कहो कि,
रुको न अभी l
तेरी अंगुलीयों का स्पर्श,
मिलता रहे l
कुछ पहर सा, रुक गया,
यूँ ही मैं तुम्हें निहारती रहूँ l
तुम उलझें -उलझें से,
मैं सुलझाती रही तुम्हें l
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