उलझे उलझे बाल
मैंने अपने हाथ पर,ज्यों ही रखा गुलाल !
याद किसी के आ गये, . गोरे गोरे गाल !!
गोरे गोरे गाल , और वो होंठ गुलाबी !
उलझे उलझे बाल, नशीले नैन शराबी !!
आयेंगे वो याद, नयन उसके फिर पैंने !
नही लगाया रंग,अगर जो अबके मैने! !!
रमेश शर्मा..